Monday 25 September 2017

BHU

Save university Save BHU
#SaveBHU


वर्तमान सरकार को  तीन साल लगभग हो चुके हैं जनता को बेवकूफ बनाने के अलावा इस सरकार की और कोई खास उपलब्धि रही नही । बेरोजगारी, ,भ्रष्टाचार और महंगाई अपनी जगह पर काबिज़ है,जैसा लगभग हर सरकार में होता रहा है ।लेकिन एक काम जिसे यह सरकार या केवल यही सरकार कर रही है और वो है-सवैंधानिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता पर प्रहार। शिक्षा से इस सरकार की लगभग दुश्मनी रही हैं ।शैक्षिक बजट को गौ रक्षा बजट से भी कम रखा जाना इस हक़ीक़त को साफ़ जाहिर करता है।लेकिन सँयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान पर हमला बोलने के लिए ये शिक्षा का सहारा जरूर लेते है। IIT,IIM नेहरू के सपनों का परिणाम है।BJP सरकार ने अपने कार्यकाल में कितने नये IIT,IIM बनाये ?यह सवाल उनसे पूछा जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने जितने बनाए उनसे ज्यादा शायद बंद करवाये है ।जिस सरकार को शिक्षा से ज्यादा जानवरों की चिंता रहती हैं उससे यही उम्मीद की जा सकती है।
 भारत में ग़रीबी ,आरक्षण और जाति का राजनीतिक इस्तेमाल होना आम बात रहा है।लेकिन इस सरकार ने विश्वविद्यालयों का राजनीतिक इस्तेमाल किया ,जो शायद इस देश मे पहली बार हुआ है और यह शायद सबसे खतरनाक भी है ।
छात्रों का इस सरकार के प्रति सबसे ज्यादा रोष रहा है(भक्त छात्रों को छोड़कर),जो स्वाभाविक है क्योकि विश्वविद्यालयों में सरकार अपनी पार्टी के व्यक्ति को वाइस चांसलर नियुक्त करती है जो विश्विद्यालय के ढांचे को तोड़ने का काम करता है जो असहनीय है। हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय,FTII , दिल्ली विश्वविद्यालय,जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय,जादवपुर  विश्वविद्यालय, आईआईटी मद्रास और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय आदि जो देश के प्रमुख विश्विद्यालय है उनका इस तरह से इस्तेमाल हो चुका है ।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से GSCASH जैसी संस्था को तोड़ना ,जो पूरे देश की सबसे आधुनिक और सबसे कारगर लैंगिक भेदभाव को खत्म करने वाली प्रणाली रही है, इस सरकार की(क्योंकि VC सरकारी ही है) घटिया मानसिकता को उज़ागर करती है ।इससे साफ जाहिर होता हैं कि सरकार GSCASH नही बल्कि JNU को तोड़ना चाहती है क्योंकि वहाँ विद्यार्थी पढ़ लेते है और पढ़े-लिखे लोग सरकार को पसन्द नही क्योंकि ऐसा होने पर उनकी दुकानें बंद हो जाती हैं।
BHU में पिछले एक सप्ताह से छात्राएं हड़ताल पर है।कैंपस में उनके साथ लड़को द्वारा बदसलूकी की जाती है,उनका पीछा किया जाता है,उनके होस्टल के आगे लड़के पहरे देते है और वो सब कुछ होता है जो एक विश्वविद्यालय के संदर्भ में सोचा भी नही जा सकता लेकिन छात्राओं के बार बार शिकायत के बावजूद प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नही की जाती बल्कि उल्टा उन पर लाठियां भांजी जाती है।
एक विश्वविद्यालय जिसके नाम में 'हिन्दू' है,हिंदू-जिस धर्म मे महिलाओं को देवी माना जाता है ,में इस तरह की घटनाएं काफ़ी कुछ उज़ागर कर जाती है।शायद सबकुछ-कि महिलाओं को कितना देवी माना जाता है।
इस सब के संदर्भ में BHU के महान VC और हिन्दू धर्म के प्रख्यात पंडित का बयान सुनने योग्य हैं जो यह बताते है कि देवी को शाम होने से पहले होस्टल के कमरे में कुंडी लगाकर बैठ जाना चाहिए!!.....शर्मनाक,....घटिया.....वाहियात...●●


हड़ताल करने वाली छात्राओं को अब निलंबित भी कर दिया गया है ।लेकिन गोदी मीडिया अब तक सरकार के गुनगान में व्यस्त है ।
लड़कियों पर पुरूष पुलिस द्वारा लाठी चार्ज करवाना-इससे बड़ा जुर्म, इससे घटिया कोई काम ,इससे बद्दतर बर्बरता कुछ हो ही नही सकती ......वाह रे नपुंसको !
                                         ...वाह रे ! धर्म के ठेकेदारों
अगर यही धर्म है,तो मुझे शर्म है..कि.......

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