Monday 11 September 2017

attack on freedom of speech

freedom of speech blog
#IAmGauri
#WeAreNotAfraid
चुप रहना वरना मार दिए जाओगे और अगर बोलना ही है तो सरकार का गुनगान करो क्योकि अगर सरकार के खिलाफ बोले तो तो वही हाल होगा जो शाहिद आज़मी, प्रो. कलबुर्गी ,गोविन्द पंसारे, नरेन्द्र दाभोलकर और गौरी लंकेश का हुआ ।

जब किसी देश मे पत्रकारों और सरकार की गलत नीतियों का विरोध करने वालो को मार दिया जाता है तब आप इस बात से खुश मत होइए की हम लोकतंत्र में रह रहे है । लोकतंत्र तभी मर जाता है जब विपक्ष को मार दिया जाता है। सरकार की प्रशंसा के कसीदे पढ़कर तो तानाशाही में भी रहा जा सकता है।
 आज सरकार हमे उस रास्ते से उस मंजिल तक ले जा रही है जिसमें हमे पहले  कलबुर्गी,गौरी लंकेश जैसे डोज़ दे देकर एमरजेंसी जैसी हालात तक पहुँचाया जाएगा और फिर तानाशाही की मंज़िल मुक्कमल होगी ।
  आज गोली और गाली वाली फौजे सक्रिय है। गाली वाली फौज में सरकार के वे अंधभक्त भर्ती है जो सरकार के खिलाफ बोलने वाले को गाली देकर और धमकी देकर चुप कराते है और जब उनसे वे चुप नही होते है तब गोली वाली फौजे आती है और अपना काम करती है । इस बात का इससे अच्छा सबूत क्या होगा जबकि हमारे प्रधानमंत्री खुद ऐसे सख्स को फॉलो करते है जिसने गौरी लंकेश को मारे जाने के बाद भी उसे ही कुतिया कहा । यह हमारे लिए राष्ट्रीय शर्म की बात है सवा सौ करोड़ के देश का नायक ऐसे सख्स को फॉलो करता है जो एक महिला को गाली देता हो और वो भी उसे मारे जाने के बाद ।
    आज सोशल मीडिया जहरीली बातों से भरा पड़ा है ,भड़काऊ बातों और फेक न्यूज़ से लोगों की जाने जा रही है और यह काम प्रोफेशनल तरीके से हो रहा है ,इसका भी खुलासा हो चुका है ।मीडिया योगी जी के बालों का राज बताने में और उनके नाई से इंटरव्यू करने में व्यस्त है ।जो एक दो हिम्मत करके बोलते है उन्हें देशद्रोही बताया जाता है,गालिया दी जाती है,धमकियां दी जाती है,उनके परिवार वालो को परेशान किया जाता है और फिर उनको गोली मार के मार दिया जाता है ।
     आप चेतिये ,जो असल मे आपके लिए बोल रहे है ,इस देश के लिए बोल रहे है उनका साथ दीजिए वरना शायद ही कोई बचेगा जो आपके लिए बोलें।ऐसे लेखों को ,ऐसे मेसेज को कम-से-कम आगे तो मत भेजिए जो भड़कीले हो ,जिनमे नफरत भरा हो,जो आधारहीन हो,फेक हो ।क्योंकि अगर आप ऐसा करते हो और आपके उस मेसेज से किसी की जान जाती है तो आप भी उसके क़ातिल है।कोई भी धर्म या मजहब जब कट्टर हो जाता है तो ज्यादा नही टिक पाता इसलिए आप अपने धर्म के कट्टर बन कर ज्यादा खुश मत होइए आप उसका विनाश ही कर रहे है ।
       अगर एक महिला पत्रकार की हत्या होती है और आप चुप रहते है तो यह भी गलत है।आप किसी भी धर्म ,पंथ या विश्वास से है,किसी भी सभा ,संस्था या संघ से है ये कोई मायने नही रखता लेकिन जब लोकतंत्र की हत्या हो तो आप बोलें वरना आप अपने  बेटों,पोतों को शायद लोकतांत्रिक देश नही दे पाएंगे ।
     

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